
केंद्र सरकार द्वारा देश के किसानों के हित के लिए समय समय पर कई प्रकार की कल्याणकारी योजनाएं शुरू की जाती है। इस बार सरकार खेत और किसानों से जुडी पॉलिसी में बड़े बदलाव करने का प्लान कर रही है। इन नए बदलाव के तहत किसानों को बड़ा फायदा मिलने वाला है। आपको बता दें इस बदलाव में DBT के उपयोग को शामिल किया गया है यानी की किसान को खाद, बीज अथवा आधुनिक कृषि यंत्रों को खरीदने के लिए जितनी भी सब्सिडी मिलती है उसका लाभ सीधे किसान को देने के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर सिस्टम का उपयोग किया जाएगा।
यह भी देखें- PM Kisan 20th installment: आज आएगी किसान योजना की 20 वीं किस्त, ऐसे करें चेक पैसे आए की नहीं
2 लाख करोड़ रूपए की सब्सिडी सीधे किसानों को!
हाल ही में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह का कहना है कि वह भविष्य में डीबीटी के माध्यम से कृषि उपकरणों, खाद और बीजों पर मिलने वाली सब्सिडी को किसान के खाते में ट्रांसफर करने की योजना बना रही है। सरकार का कहना है कि वह उर्वरक सब्सिडी के लिए 2,00,000 करोड़ रूपए का खर्चा करती है जिससे किसान को आर्थिक मदद मिल सके। लेकिन अभी यह राशि कंपनियों को भेजनी पड़ती है। लेकिन भविष्य में उम्मीद है कि इस राशि का लाभ किसान को सीधे प्राप्त हो सके। मंत्री का कहना है कि यूरिया की एक बोरी की कीमत 2400 है जिसमें सब्सिडी जुड़ने के बाद किसान 265 रूपए में खरीद सकता है लेकिन यह सब्सिडी कम्पनी को भेजी जाती है।
पीएम किसान के साथ अन्य सब्सिडी में DBT का इस्तेमाल
कृषि मंत्री का कहना है कि जिस प्रकार देश में पीएम किसान सम्मान निधि के तहत करोड़ों किसानों को लाभ डीबीटी के माध्यम से भेजा जा रहा है इतने बड़े बजट का कार्य उन्हें प्रेरित करता है। इसका सालाना खर्चा 60 हजार करोड़ रूपए आता है। अब हमारी सरकार भी सोच रही है की राज्य के किसानों को ड्रिप सिंचाई अथवा ट्रैक्टर एवं अन्य कृषि सब्सिडी का लाभ सीधे किसान के खाते में भेजा जाए। इसके अतिरिक्त सरकार फसल को खेत से बाजार तक ले जाने के खर्च को भी खुद ही संभालने के बारे में विचार कर रही है ताकि किसान को कोई परेशानी ना आए।
इसके अतिरिक्त मंत्री ने कहा कि सोयाबीन की कीमत कम हुई तो इसके तेल आयत पर 20 प्रतिशत का शुल्क लगा और बासमती चावल के निर्यात से प्रतिबंध हटा दिया जाएगा। इसके लिए भी सरकार सोच विचार करके आवश्यक कदम उठाएगी। किसान के साथ ग्राहक को भी फायदा होना चाहिए।