
पीएम किसान योजना के लिए केंद्र सरकार ने नए नियम जारी किए हैं। जानकारी के लिए बता दें यह नियम देश के 14 राज्यों में लागू किए जाएंगे। नए नियम के तहत इन राज्यों में यदि ये किसान नया पंजीकरण कराते हैं तो उनके पास किसान आईडी होना बहुत आवश्यक है। इसके बिना वे योजना में शामिल नही हो पाएंगे। कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने सरकार की ओर से यह जानकारी लोकसभा में बताई है। इसके अतिरिक्त उनका कहना है कि अभी पीएम किसान योजना के तहत मिलने वाले 6 हजार की राशि को बढ़ाने के लिए कोई भी चर्चा नहीं हुई है।
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क्या है पीएम किसान योजना?
केंद्र सरकार ने देश के गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर किसानों के लिए पीएम किसान योजना की शुरुवात वर्ष 2019 में की थी और अब तक इसके तहत पात्र किसानों को लगभग 3.90 लाख करोड़ रूपए से अधिक की वित्तीय सहायता भेजी जा चुकी है। योजना के तहत प्रत्येक किसान को साल भर में 6,000 रूपए भेजे जाते हैं। तीन किस्तों के जरिए यह राशि प्राप्त होती है यानी प्रत्येक क़िस्त में 2,000 रूपए राशि ट्रांसफर की जाती है।
किसान योजना का लाभ सरकार लाभार्थी किसान के बैंक अकाउंट में डीबीटी के माध्यम से भेजती है ताकि बिचौलिया इसका लाभ न उठा सके। पिछले कुछ दिनों में पात्र किसानों को 20वीं क़िस्त का लाभ भेज दिया गया है।
योजना को बनाया जाएगा पारदर्शी
सरकार ने योजना को पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए डिजिटल सिस्टम की शुरुआत की है। अब किसानों को बिचौलियों की जरुरत नहीं पड़ेगी। सरकार खुद ही चाहती है कि योजना से बिचोलियो को हटाया जाए और किसानों को उनका पूरा लाभ प्राप्त हो सके।
नए सिस्टम के तहत सरकार किसान के अकाउंट में ऑनलाइन डीबीटी के माध्यम से पैसा भेजती है। डिजिटल सिस्टम के आने से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया अब और भी आसान हो गई है। किसान स्वयं पोर्टल पर जाकर अपना पंजीकरण कर पाएंगे। इसके अतिरिक्त आप अपने नजदीकी सीएससी सेंटर पर अथवा सरकारी अधिकारियों की सहायता से रजिस्ट्रशन करवा सकते हैं। यदि पंजीकरण के दौरान यदि कोई गलती होती है तो न्यू सिस्टम के तहत अधिकारी उस जानकारी को आसानी से सुधार पाएंगे।